पियूष मिश्रा और गुलाल
पियूष मिश्रा ने गुलाल में अत्यन्त सुंदर तरीके से अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण किया हैं। एक किरदार, कवि, संगीत और गायक के तौर पर यह एक मूवी दर्शाती है की दिल्ली के थिएटर से जुदा एक किरदार कितना सशक्त हो सकता है। यह प्रेरित कर सकता है हर उस व्यक्ति को जो स्टेज से जुदा है और दर्शाता है की स्टेज जो कुछ दे सकता है वोह शायद फ़िल्म नही दे सकती। यह विश्वास कहीं है की एक नई धारा जो निकल पड़ी है वोह पियूष जैसे कलाकारों को सही मुकाम पर पंहुचा सकेगी।