शुक्रवार, अप्रैल 03, 2009

पियूष मिश्रा और गुलाल

पियूष मिश्रा ने गुलाल में अत्यन्त सुंदर तरीके से अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण किया हैं। एक किरदार, कवि, संगीत और गायक के तौर पर यह एक मूवी दर्शाती है की दिल्ली के थिएटर से जुदा एक किरदार कितना सशक्त हो सकता है। यह प्रेरित कर सकता है हर उस व्यक्ति को जो स्टेज से जुदा है और दर्शाता है की स्टेज जो कुछ दे सकता है वोह शायद फ़िल्म नही दे सकती। यह विश्वास कहीं है की एक नई धारा जो निकल पड़ी है वोह पियूष जैसे कलाकारों को सही मुकाम पर पंहुचा सकेगी।

1 Comments:

Blogger Rajat said...

aap to filum critic ban gaye sahab..acha hai..

1:30 pm  

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